August 2024

भ्रष्टाचार पर हिन्दी में निबंध | भ्रष्टाचार-कारण एवं निवारण

संकेत बिन्दु– भूमिका, भारत में भ्रष्टाचार की स्थिति, भ्रष्टाचार के कारण, भ्रष्टाचार से होने वाली हानियाँ, भ्रष्टाचार रोकने के उपाय, निष्कर्ष या उपसंहार भूमिका– भ्रष्टाचार दो शब्दों- ‘भ्रष्ट’ और ‘आचार’ के मेल से बना शब्द है। \’भ्रष्ट\’ शब्द के कई अर्थ होते हैं- मार्ग से विचलित, ध्वस्त एवं बुरे आचरण वालातथा ‘आचरण’ का अर्थ चरित्र’, […]

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वृक्ष धरा के आभूषण हैं | वृक्ष हमारे मित्र पर निबंध

अन्य शीर्षक- वृक्षारोपण (2018), वृक्षारोपण का महत्त्व (2020, 17), वृक्षों की रक्षा : पर्यावरण सुरक्षा (2020, 13), वृक्षों का महत्त्व (2013, 12, 11); हमारी वन्य सम्पदा संकेत बिन्दु भूमिका, वनों के प्रत्यक्ष लाभ, वनों से होने वाले अप्रत्यक्ष लाभ, उपसंहार। भूमिका– मनुष्य का वनों से बहुत पुराना सम्बन्ध है। मनुष्य का प्रारम्भिक आवास वन ही

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जनसंख्या वृद्धि की समस्या और उसके निराकरण के उपाय पर निबंध

संकेत बिन्दु- भूमिका, प्राचीन स्थिति, वर्तमान स्थिति, देश के लिए बोझ, परिवार के लिए बोझ, उपसंहार। भूमिका- देश की बढ़ती हुई जनसंख्या एक भयावह समस्या है। भारत ही नहीं, बल्कि इस भयावह समस्या से तो समूचा विश्व ही मानो विनाश की कगार पर जा पहुँचा है। स्वाधीन भारत में देश की समृद्धि के लिए किए

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राष्ट्रीय एकता का महत्त्व पर निबंध

संकेत बिन्दु- प्रस्तावना, राष्ट्रीय एकता की आवश्यकता एवं बाधाएँ, एकता बनाए रखने के उपाय, उपसंहार। प्रस्तावना– राष्ट्रीय एकता का अर्थ है-भारत की आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक और वैचारिक एकता। हमारे धार्मिक विचार, भोजन, वेशभूषा और रहन-सहन के तरीकों में अन्तर हो सकता है, लेकिन हमारे राजनीतिक और राष्ट्रीय विचारों में कोई अन्तर नहीं है। राष्ट्रीय एकता

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सत्संगति का महत्त्व | सुसंगति के लाभ | सुसंगति : एक वरदान  पर निबंध

संकेत बिन्दु -भूमिका, सज्जन के लक्षण, सज्जनों की संगति के लाभ,उपसंहार भूमिका -यह संसार गुण व दोष दोनों से भरा पड़ा है। विवेकी व्यक्ति सदैव गुणग्राही होता है और दोषों को त्याग देता है, लेकिन मूर्ख व्यक्ति गुणों को छोड़ दोष ग्रहण करता है। इस प्रकार सारे मनुष्य गुण व दोषों से भरे पड़े हैं।

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स्वच्छ भारत : एक कदम स्वच्छता की ओर | स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध

संकेत बिन्दु– भूमिका, स्वच्छ भारत अभियान का आरम्भ एवं लक्ष्य, वर्तमान समय में स्वच्छता को लेकर भारत की स्थिति, स्वच्छता का महत्त्व, उपसंहार। भूमिका– यह सर्वविदित है कि 2 अक्टूबर को हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का जन्म हुआ था। इस युग पुरुष ने भारत सहित पूरे विश्व को मानवता की नई राह दिखाई। हमारे देश

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किसी यात्रा का वर्णन पर निबंध

मेरी प्रिय यात्राः भुवनेश्वर संकेत बिन्दु -भूमिका, यात्रा-वर्णन, उपसंहार भूमिका- मैं स्वभाव से ही घुमक्कड़ प्रवृत्ति का हूँ। पिछले पाँच वर्षों में मैंने भारत के लगभग बीस शहरों तथा राज्यों की यात्रा की है, इनमें दिल्ली, मुम्बई राजस्थान, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, गोवा आदि शामिल हैं। इन शहरों में भुवनेश्वर ने मुझे सर्वाधिक प्रभावित किया है।

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देशप्रेम पर निबन्ध | स्वदेश प्रेम पर निबन्ध

अन्य शीर्षक– स्वदेश-प्रेम देश प्रेम: सर्वोच्च प्रेम, स्वदेशप्रेम : एक उच्च भावना, देश-प्रेम की भावना उन्नति का परिचायक, राष्ट्र के लिए जिएँ संकेत बिन्दु– भूमिका, स्वदेश-प्रेम (राष्ट्रप्रेम) – एक उच्च भावना, स्वदेश-प्रेम (राष्ट्रप्रेम) की अभिव्यक्ति के प्रकार, उपसंहार। भूमिका- \”जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमें रसधार नहीं। वह हृदय नहीं है, पत्थर है,

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सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा पर निबन्ध 

संकेत बिन्दु– प्रस्तावना, भारत का प्राकृतिक सौन्दर्य, महापुरुषों की धरती, उपसंहार। प्रस्तावना- भारत देश हम सब भारतवासियों के लिए स्वर्ग के समान सुन्दर है। हमने इसी की पावन धरा पर जन्म लिया है। इसकी गोद में पलकर हम बड़े हुए हैं। इसके अन्न-जल से हमारा पालन-पोषण हुआ है, इसलिए हमारा कर्त्तव्य है कि हम इससे

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जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबन्ध 

छात्र जीवन में अनुशासन संकेत बिन्दु –भूमिका, अनुशासन का महत्त्व, अनुशासन की आवश्यकता, अनुशासन की प्रवृत्ति का विकास करना, उपसंहार। भूमिका –अनुशासन शब्द \’शासन\’ में \’अनु\’ उपसर्ग के जुड़ने से बना है, इस तरह अनुशासन का शाब्दिक अर्थ है- शासन के पीछे चलना। प्रायः माता-पिता एवं गुरुजनों के आदेशानुसार चलना ही अनुशासन कहलाता है, किन्तु

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