UP Board Class 12 Solution
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किसी भी व्यक्ति की संपूर्ण जानकारी देना जीवन परिचय कहलाता है। अधिकतर जीवन परिचय किसी लेखक या रचनाकार के लिखे जाते हैं।जीवन परिचय हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में लिखे जाते है। अंग्रजी भाषा में लिखे गए जीवन परिचय को ऑटोबायोग्राफी कहते हैं। जीवन परिचय में व्यक्ति के नाम, जन्म स्थान, माता का नाम, पिता
जीवन परिचय | कवि एवं लेखकों के जीवन परिचय – Read More »
कबीर दास का जीवन परिचय- प्रारंभिक जीवन कबीर दास, भारतीय संत, कवि, और समाज सुधारक, का जन्म 15वीं सदी के लगभग (लगभग 1440) वाराणसी (काशी) में हुआ। उनकी जन्म तिथि और पृष्ठभूमि के बारे में बहुत से मत हैं, लेकिन यह माना जाता है कि वे एक गरीब मुस्लिम परिवार में पैदा हुए थे। कबीर
कबीर दास का जीवन परिचय | Kabirdas Ka Jivan Parichay in Hindi Read More »
संकेत बिन्दु– भूमिका, भारत में भ्रष्टाचार की स्थिति, भ्रष्टाचार के कारण, भ्रष्टाचार से होने वाली हानियाँ, भ्रष्टाचार रोकने के उपाय, निष्कर्ष या उपसंहार भूमिका– भ्रष्टाचार दो शब्दों- ‘भ्रष्ट’ और ‘आचार’ के मेल से बना शब्द है। \’भ्रष्ट\’ शब्द के कई अर्थ होते हैं- मार्ग से विचलित, ध्वस्त एवं बुरे आचरण वालातथा ‘आचरण’ का अर्थ चरित्र’,
भ्रष्टाचार पर हिन्दी में निबंध | भ्रष्टाचार-कारण एवं निवारण Read More »
अन्य शीर्षक- वृक्षारोपण (2018), वृक्षारोपण का महत्त्व (2020, 17), वृक्षों की रक्षा : पर्यावरण सुरक्षा (2020, 13), वृक्षों का महत्त्व (2013, 12, 11); हमारी वन्य सम्पदा संकेत बिन्दु भूमिका, वनों के प्रत्यक्ष लाभ, वनों से होने वाले अप्रत्यक्ष लाभ, उपसंहार। भूमिका– मनुष्य का वनों से बहुत पुराना सम्बन्ध है। मनुष्य का प्रारम्भिक आवास वन ही
वृक्ष धरा के आभूषण हैं | वृक्ष हमारे मित्र पर निबंध Read More »
संकेत बिन्दु- भूमिका, प्राचीन स्थिति, वर्तमान स्थिति, देश के लिए बोझ, परिवार के लिए बोझ, उपसंहार। भूमिका- देश की बढ़ती हुई जनसंख्या एक भयावह समस्या है। भारत ही नहीं, बल्कि इस भयावह समस्या से तो समूचा विश्व ही मानो विनाश की कगार पर जा पहुँचा है। स्वाधीन भारत में देश की समृद्धि के लिए किए
जनसंख्या वृद्धि की समस्या और उसके निराकरण के उपाय पर निबंध Read More »
संकेत बिन्दु- प्रस्तावना, राष्ट्रीय एकता की आवश्यकता एवं बाधाएँ, एकता बनाए रखने के उपाय, उपसंहार। प्रस्तावना– राष्ट्रीय एकता का अर्थ है-भारत की आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक और वैचारिक एकता। हमारे धार्मिक विचार, भोजन, वेशभूषा और रहन-सहन के तरीकों में अन्तर हो सकता है, लेकिन हमारे राजनीतिक और राष्ट्रीय विचारों में कोई अन्तर नहीं है। राष्ट्रीय एकता
राष्ट्रीय एकता का महत्त्व पर निबंध Read More »