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सत्संगति का महत्त्व | सुसंगति के लाभ | सुसंगति : एक वरदान  पर निबंध

संकेत बिन्दु -भूमिका, सज्जन के लक्षण, सज्जनों की संगति के लाभ,उपसंहार भूमिका -यह संसार गुण व दोष दोनों से भरा पड़ा है। विवेकी व्यक्ति सदैव गुणग्राही होता है और दोषों को त्याग देता है, लेकिन मूर्ख व्यक्ति गुणों को छोड़ दोष ग्रहण करता है। इस प्रकार सारे मनुष्य गुण व दोषों से भरे पड़े हैं। […]

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स्वच्छ भारत : एक कदम स्वच्छता की ओर | स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध

संकेत बिन्दु– भूमिका, स्वच्छ भारत अभियान का आरम्भ एवं लक्ष्य, वर्तमान समय में स्वच्छता को लेकर भारत की स्थिति, स्वच्छता का महत्त्व, उपसंहार। भूमिका– यह सर्वविदित है कि 2 अक्टूबर को हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का जन्म हुआ था। इस युग पुरुष ने भारत सहित पूरे विश्व को मानवता की नई राह दिखाई। हमारे देश

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किसी यात्रा का वर्णन पर निबंध

मेरी प्रिय यात्राः भुवनेश्वर संकेत बिन्दु -भूमिका, यात्रा-वर्णन, उपसंहार भूमिका- मैं स्वभाव से ही घुमक्कड़ प्रवृत्ति का हूँ। पिछले पाँच वर्षों में मैंने भारत के लगभग बीस शहरों तथा राज्यों की यात्रा की है, इनमें दिल्ली, मुम्बई राजस्थान, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, गोवा आदि शामिल हैं। इन शहरों में भुवनेश्वर ने मुझे सर्वाधिक प्रभावित किया है।

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देशप्रेम पर निबन्ध | स्वदेश प्रेम पर निबन्ध

अन्य शीर्षक– स्वदेश-प्रेम देश प्रेम: सर्वोच्च प्रेम, स्वदेशप्रेम : एक उच्च भावना, देश-प्रेम की भावना उन्नति का परिचायक, राष्ट्र के लिए जिएँ संकेत बिन्दु– भूमिका, स्वदेश-प्रेम (राष्ट्रप्रेम) – एक उच्च भावना, स्वदेश-प्रेम (राष्ट्रप्रेम) की अभिव्यक्ति के प्रकार, उपसंहार। भूमिका- \”जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमें रसधार नहीं। वह हृदय नहीं है, पत्थर है,

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सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा पर निबन्ध 

संकेत बिन्दु– प्रस्तावना, भारत का प्राकृतिक सौन्दर्य, महापुरुषों की धरती, उपसंहार। प्रस्तावना- भारत देश हम सब भारतवासियों के लिए स्वर्ग के समान सुन्दर है। हमने इसी की पावन धरा पर जन्म लिया है। इसकी गोद में पलकर हम बड़े हुए हैं। इसके अन्न-जल से हमारा पालन-पोषण हुआ है, इसलिए हमारा कर्त्तव्य है कि हम इससे

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जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबन्ध 

छात्र जीवन में अनुशासन संकेत बिन्दु –भूमिका, अनुशासन का महत्त्व, अनुशासन की आवश्यकता, अनुशासन की प्रवृत्ति का विकास करना, उपसंहार। भूमिका –अनुशासन शब्द \’शासन\’ में \’अनु\’ उपसर्ग के जुड़ने से बना है, इस तरह अनुशासन का शाब्दिक अर्थ है- शासन के पीछे चलना। प्रायः माता-पिता एवं गुरुजनों के आदेशानुसार चलना ही अनुशासन कहलाता है, किन्तु

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मेरी प्रिय पुस्तक पर निबन्ध

अन्य शीर्षक- मेरी प्रिय पुस्तक : रामचरितमानस संकेत बिन्दु- प्रस्तावना, पुस्तक की विशेषताएँ, उपसंहार। प्रस्तावना किसी भी देश की सभ्यता-संस्कृति के संरक्षण एवं उसके प्रचार-प्रसार में पुस्तकें अहम् भूमिका निभाती हैं। पुस्तकें ज्ञान का संरक्षण भी करती हैं। यदि हम प्राचीन इतिहास के बारे में जानना चाहते हैं, तो इसका अच्छा स्रोत भी पुस्तके ही

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यातायात की समस्याएँ एवं उनका निराकरण पर निबन्ध

यातायात की समस्याएँ एवं समाधान संकेत बिन्दु– प्रस्तावना, यातायात से तात्पर्य, यातायात के विभिन्न माध्यम अथवा साधन, यातायात की समस्या के मूल कारण; यातायात की उपयोगिता, यातायात की समस्या पूर्ति, उपसंहार। प्रस्तावना– आधुनिकता की दौड़ में हमें आए दिन अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिनमें से एक यातायात की समस्या है, जो आज

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मेरा प्रिय कवि पर निबन्ध – Hindi Essay

संकेत बिन्दु – प्रस्तावना, आरम्भिक जीवन-परिचय, काव्यगत विशेषताएँ, उपसंहार प्रस्तावना- संसार में अनेक प्रसिद्ध साहित्यकार हुए हैं, जिनकी अपनी-अपनी विशेषताएँ हैं। यदि मुझसे पूछा जाएं कि मेरा प्रिय साहित्यकार कौन है? तो मेरा उत्तर होगा-महाकवि तुलसीदास। यद्यपि तुलसी के काव्य में भक्ति-भावना प्रधान है, परन्तु उनका काव्य कई सौ वर्षों के बाद भी भारतीय जनमानस

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