यातायात की समस्याएँ एवं उनका निराकरण पर निबन्ध

यातायात की समस्याएँ एवं समाधान

संकेत बिन्दु– प्रस्तावना, यातायात से तात्पर्य, यातायात के विभिन्न माध्यम अथवा साधन, यातायात की समस्या के मूल कारण; यातायात की उपयोगिता, यातायात की समस्या पूर्ति, उपसंहार।

प्रस्तावना– आधुनिकता की दौड़ में हमें आए दिन अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिनमें से एक यातायात की समस्या है, जो आज विकराल रूप धारण कर चुकी है। आज कोई भी चौराहा या नगर अथवा रेलवे क्रॉसिंग, बाजार या सवारी वाहन ऐसा नहीं दिखाई देता जहाँ जनता को यातायात की समस्या का सामना न करना पड़े अर्थात् सभी जगहों पर यातायात की समस्या प्रत्यक्ष दिखाई देती है।

यातायात से तात्पर्य- यातायात से तात्पर्य है एक स्थान से दूसरे स्थान पर आने-जाने की व्यवस्था अर्थात् जब कोई व्यक्ति एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाता है, तो वह यातायात के किसी-न-किसी माध्यम का सहारा लेता है। तभी वह एक स्थान से दूसरे स्थान तक की यात्रा कर पाता है। आज मानव को एक स्थान से दूसरे स्थान पर आने जाने अथवा सामान लाने ले जाने के लिए विभिन्न यातायात साधनों का प्रयोग करना पड़ता है। इसमें यातायात के साधन सहायक होते हैं।

यातायात के विभिन्न साधन अथवा माध्यम- आज मानव का जीवन इतना सरल हो गया है कि वह यातायात के सभी साधनों का आवश्यकता अथवा सामर्थ्य के अनुसार प्रयोग करता है। यातायात के माध्यमों में सर्वाधिक प्रयोग किया जाने वाला माध्यम है सड़क परिवहन। इसके पश्चात् उत्तरोत्तर प्रयोग किए जाने वाले यातायात के साधनों में वायु परिवहन एवं रेल परिवहन, जल परिवहन आदि का प्रयोग किया जाता है। यातायात के साधनों में व्यक्ति, साईकिल, मोटर साईकिल, ट्रैक्टर, बुग्गी, ऑटोरिक्शा, रिक्शा, कार, मोटर, ट्रकों, बसों, रेल गाड़ियों, वायुयानों, जलयानों आदि की मदद लेता है।

यातायात की समस्या के मूल कारण– यातायात की समस्या के मूल कारणों में बढ़ती जनसंख्या, आए दिन सड़कों पर बढ़ते वाहन, सड़कों का अतिक्रमण, सड़कों पर लगने वाले बाजार, पैंठ, सड़कों का विस्तार न होना, सड़कों के मध्य में डिवाइडर अथवा फुटपाथ का न होना, समय का अभाव, सड़क की मरम्मत, चौराहों पर लगने वाला जाम आदि रोजमर्रा की यातायात सम्बन्धी समस्याएँ हैं।
यातायात की उपयोगिता– भारत में कई लम्बे-चौड़े राजमार्ग बने हैं जिन पर बहुत यातायात होता है। इनका प्रयोग आवागमन और भारवहन दोनों के लिए होता है। यहाँ वाहन तीव्र गति से दौड़ाए जा सकते हैं। इन मार्गों से होकर ट्रकों द्वारा विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाई जाती हैं। यदि किसी वस्तु का एक स्थान पर अभाव हो तो वह वस्तु दूरस्थ स्थानों से मँगवाई जाती है। यदि किसी एक स्थान पर किसी वस्तु की अधिकता हो तो उसे अन्य स्थानों पर भेजा जा सकता है। यदि सड़क यातायात की उचित व्यवस्था न होती तो लोगों को अनेक प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता। व्यापार और उद्योगों के विकास में सड़क यातायात का उल्लेखनीय योगदान है। स्थानीय व्यापारी दूरस्थ स्थानों से माल मँगवाकर अपने यहाँ बेचते हैं। उनका माल या तो सड़क मार्ग से आता है या रेलमार्ग से। रेलमार्ग सभी स्थानों पर नहीं हैं, परन्तु सड़कों का फैलाव सभी स्थानों पर है।

यातायात की समस्या पूर्ति– अतः सुविधानुसार रेलमार्ग और सड़क मार्ग दोनों का प्रयोग किया जाता है। आँकड़े बताते हैं कि कुल माल ढुलाई के दो तिहाई से अधिक का बोझ सड़कें ही उठाती हैं। अतः जरूरी है कि सड़को को सही हालत में रखा जाए। सड़कें अच्छी बनाई जाएँ तथा उनका उचित रखरखाव हो। कम चौड़ी सड़कों को चौड़ा किया जाए। इस दिशा में आजकल अच्छे प्रयास हो रहे हैं। इस प्रयास में गति लाने की आवश्यकता है।

उपसंहार- आज के भाग-दौड़ पूर्ण जीवन में यातायात की विभिन्न समस्याओं का निराकरण किए बिना सामान्य जनों का जीवन सरल और सहज नहीं बनाया जा सकता। इसके लिए यातायात की समस्या का निराकरण अनिवार्य है।

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