बेरोज़गारी की समस्या और उसका समाधान पर निबंध

संकेत बिन्दु: प्रस्तावना, बेरोज़गारी का अर्थ, बेरोज़गारी के कारण, बेरोज़गारी कम करने के उपाय, बेरोज़गारी के दुष्प्रभाव, उपसंहार।

प्रस्तावना: आज अनेक समस्याएँ भारत के विकास में बाधा उत्पन्न कर रही हैं। बेरोज़गारी की समस्या इनमें से एक है। हर वर्ग का युवक इस समस्या से जूझ रहा है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

बेरोज़गारी का अर्थ: बेरोज़गारी का अर्थ है- जब कोई योग्य तथा काम करने का इच्छुक व्यक्ति काम माँगे और उसे काम न मिल सके अथवा जो अनपढ़ और अप्रशिक्षित हैं, वे भी काम के अभाव में बेकार हैं।

कुछ बेरोजगार काम पर तो लगे हैं, लेकिन वे अपनी योग्यता से बहुत कम धन कमा पाते हैं, इसलिए वे स्वयं को बेरोज़गार ही मानते हैं। बेरोज़गारी के कारण देश का आर्थिक विकास रुक जाता है। एक सर्वेक्षण के अनुसार, यह संख्या वर्ष 1985 में 3 करोड़ से अधिक थी, जबकि एक अन्य अनुमान के अनुसार प्रत्येक वर्ष यह संख्या लगभग 70 लाख की गति से बढ़ रही है।

बेरोज़गारी के कारण

बेरोज़गारी के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं

  1. जनसंख्या में तीव्र गति से वृद्धि होना।
  2. शिक्षा प्रणाली में व्यावहारिक शिक्षा के स्थान पर सैद्धान्तिक शिक्षा को अधिक महत्त्व दिया जाना।
  3. कुटीर उद्योगों की उपेक्षा करना।
  4. देश के प्राकृतिक संसाधनों का पूरी तरह से उपयोग नहीं करना।
  5. भारतीय कृषि की दशा अत्यन्त पिछड़ी होने के कारण कृषि क्षेत्र में भी बेरोज़गारी का बढ़ना।
  6. कुशल एवं प्रशिक्षित व्यक्तियों की कमी के कारण उद्योगों को संचालित करने के लिए विदेशी कर्मचारियों को बाहर से लाना।

बेरोज़गारी कम करने के उपाय

बेरोज़गारी कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जाने चाहिए

  1. जनता को शिक्षित कर जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाना।
  2. शिक्षा प्रणाली में व्यापक परिवर्तन तथा सुधार करना।
  3. कुटीर उद्योगों की दशा सुधारने पर जोर देना।
  4. देश में विशाल उद्योगों की अपेक्षा लघु उद्योगों पर अधिक ध्यान देना। मुख्य उद्योगों के साथ-साथ सहायक उद्योगों का भी विकास करना।
  5. सड़कों का निर्माण, रेल परिवहन का विकास, पुलों व बाँधों का निर्माण तथा वृक्षारोपण आदि करना, जिससे अधिक-से-अधिक संख्या में बेरोज़गारों को रोज़गार मिल सके।
  6. सरकार द्वारा कृषि को विशेष प्रोत्साहन एवं सुविधाएँ देना, जिससे युवा गाँवों को छोड़कर शहरों की ओर न जाएँ।

बेरोज़गारी के दुष्प्रभाव बेरोज़गारी अपने आप में एक समस्या होने के साथ-साथ अनेक सामाजिक समस्याओं को भी जन्म देती है। उन्हें यदि हम बेरोज़गारी के दुष्परिणाम अथवा दुष्प्रभाव कहें, तो अनुचित नहीं होगा। बेरोज़गारी के कारण निर्धनता में वृद्धि होती है तथा भुखमरी की समस्या उत्पन्न होती है। बेरोज़गारी के कारण मानसिक अशान्ति की स्थिति में लोगों के चोरी, डकैती, हिंसा, अपराध, हत्या आदि की ओर प्रवृत्त होने की पूरी सम्भावना बनी रहती है। अपराध एवं हिंसा में हो रही वृद्धि का सबसे बड़ा कारण बेरोज़गारी ही है। कई बार तो बेरोज़गारी की भयावह स्थिति से तंग आकर लोग आत्महत्या भी कर बैठते हैं।

उपसंहार: बेरोज़गारी किसी भी देश के लिए एक अभिशाप से कम नहीं है। इसके कारण नागरिको का जीवन स्तर बुरी तरह से प्रभावित होता है तथा देश की आर्थिक वृद्धि भी बाधित होती है, इसलिए सरकार तथा सक्षम निजी संस्थाओं द्वारा इस समस्या को हल करने लिए ठोस कदम उठाए जाने की तत्काल आवश्यकता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top